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ऐतिहासिक दृष्टि से विदिशा प्राचीन स्मारकों एवं ऐतिहासिक स्थलों के मामले में अत्यंत समृद्ध है। इसके दूसरी तरफ देखें तो 1956 तक इसका नाम भिलसा था। उसके बाद महान पुरातनता के उस गौरवशाली शहर के करीब होने के कारण इसका नाम बदलकर विदिशा कर दिया गया।
यह जिला 1904 में विदिशा और बासौदा की तहसीलों को मिलाकर बनाया गया था, जो उस समय ग्वालियर राज्य का हिस्सा थे। 1947 में भारत की आजादी के बाद, ग्वालियर की पूर्व रियासत मध्य भारत राज्य का हिस्सा बन गई, जिसका गठन 1948 में हुआ था। 1949 में कुरवाई की छोटी रियासत को जोड़कर विदिशा जिले का विस्तार किया गया था।
जिले ने अपना वर्तमान स्वरूप 1956 में लिया, जब मध्य भारत राज्य, भोपाल राज्य और सिरोंज की तहसील, जो तब राजस्थान राज्य का हिस्सा था और पहले टोंक रियासत का हिस्सा था, दोनों को मध्य प्रदेश राज्य में विलय कर दिया गया था। भोपाल राज्य से सिरोंज तहसील और पिक्लोन के छोटे परगने को विदिशा जिले में मिला दिया गया।
अधिक पढ़ें- विदिशा – 1794 – संशोधित कार्य विभाजन आदेश 64 के संबंध में
- विदिशा – 4594 – प्रकरण स्थानांतरण आदेश क्रमांक 63 के संबंध में
- विदिशा – 4440 – संशोधित कार्य विभाजन आदेश क्रमांक 61 SW के संबंध में
- विदिशा – 4441 – केस ट्रांसफर आदेश क्रमांक 60 SW के संबंध में
- विदिशा – 1608 – संशोधित कार्य विभाजन आदेश 58 SW के संबंध में
- विदिशा – 4291 – केस ट्रांसफर आदेश 59 SW के संबंध में
- विदिशा – 3765 – केस ट्रांसफर आदेश 56 SW के संबंध में
- विदिशा – 3495 – आदेश क्रमांक 55 के संबंध में
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